समाजीकरण की प्रक्रिया के तत्व (Factors of socialization process)

Some specific elements of the process of socialization have been identified by sociologists.

समाजीकरण की प्रक्रिया के तत्व (Factors of socialization process)
Factors of Socialization

समाजीकरण की प्रक्रिया के तत्व
(Factors of socialization process)

       समाजशास्त्रियों ने समाजीकरण की प्रक्रिया के कुछ विशिष्ट तत्व बताये हैं, जो इस प्रकार हैं-

1. मनुष्य की जैविकीय विशेषता (Biological Characteristics of Man)-
         मनुष्य की अपनी जैविकीय विशेषताएं हैं। वह कुछ मूल प्रवृत्तियों  संवेगों, सामान्य जन्मजात प्रवृत्तियों, इंद्रियों और मस्तिष्क को लेकर जन्म लेता है। यही उसके समाजीकरण का आधार होते हैं। इनकी अनुपस्थिति में समाजीकरण की प्रक्रिया नहीं प्रारंभ हो सकती। समाजीकरण द्वारा इन मूल प्रवृत्तियों का शोधन व उचित दिशा में मार्गान्तीकरण किया जाता है।

2. सामाजिक अन्तः क्रियाएं (Social Interactions)-
        मनुष्य के समाजीकरण के लिए दूसरा आवश्यक तत्व है सामाजिक अन्तःक्रियाएं। जब तक कोई मनुष्य दूसरे मनुष्य के संपर्क में नहीं आता और उनके मध्य कोई अन्तःक्रियाएं नहीं होती, तब तक न तो वह समाज की भाषा ही समझ सकता है न ही आचरण की विधियां, व्यवहार व प्रतिमान। इन्हें सीख कर वह जैविकीय प्राणी से सामाजिक प्राणी बनता है।

3. सामाजिक अन्तःक्रियाओं के निश्चित परिणाम (Definite Results of Social Interactions)-   
       समाजीकरण के लिए यह भी आवश्यक है कि व्यक्ति व समाज के बीच की अन्तःक्रियाओं के निश्चित परिणाम हों। निरर्थक क्रियाओं से समाज सम्मत आचरण नही सीखा जा सकता।

4. परिणामों के प्रति स्वीकृति या अस्वीकृति (Acceptance or Rejection towards Results-
       सामाजिक अन्तःसम्बन्धों के निश्चित परिणाम होते हैं। दो व्यक्तियों के मध्य क्रिया-प्रतिक्रिया के परिणाम स्वरूप वे व्यक्ति कुछ  न कुछ सीखते हैं। यह सीखना समाज सम्मत भी हो सकता है और असम्मत भी। जैसे यदि चोरों के बीच रहकर बच्चा चोरी करना सीखता है तो यह सीखना समाज सम्मत परिणाम नही हुआ। ऐसे कार्य द्वारा बच्चे का समायोजन समाज में सम्भव नही है। जब बच्चा यह बात जान लेता है तो चोरी नहीं करता है। इस प्रकार परिणाम के प्रति समाज की स्वीकृति या अस्वीकृति समाजीकरण की प्रक्रिया का महत्त्वपूर्ण तत्व है। स्वीकृत परिणाम को सीखना और तदनुकूल आचरण करना ही समाजीकरण है।