हिन्दी दोहे - शिव ही सत्य अनंत ।। Hindi Doha- Shiv Hi Satya Anant
Bhagwan Shiv Shankar par aadharit hindi dohe ko yaga par diya gaya hai, by Pradeep Kumar Chitransi.
दोहे - शिव ही सत्य अनंत
Doha by Pradeep Kumar Chitransi, Prayagraj
सावन का पहला दिवस, पहला है सोमवार।
चलो शिवालय हम चलें, करने शिव-दीदार।।
जगत-जीव को ज्यों मिला, सावन-शिव-आधार।
जयकारों की गूँज से, गूँज गया संसार।।
करें भलाई जगत की, रहें सभी के साथ।
सब देवों में एक हैं, अपने भोले नाथ।।
शिव अनादि हैं जानिए, शिव ही हैं भगवन्त।
सावन कहता है यही, शिव ही सत्य अनंत।।
भूत-प्रेत औघड़ सभी, रहते जिनके साथ।
देवों के वे देव हैं, अपने भोले नाथ।।
सावन में शिव-शिव हुआ, ज्यों सारा संसार।
उतर गगन से आ गए, घर-घर में त्योहार।।
जान लिया जिसने इसे, वह हो गया फ़कीर।
शिव ही जीवन-शक्ति हैं, शिव ही हाथ-लकीर।।
जिसने भी शिव को भजा, बनकर सन्त कबीर।
मन उसका निर्मल हुआ, तन हो गया फ़कीर।।
सत्य यही तन को मिले, अन्तकाल श्मशान।
रे मन! तजकर मोह को, कर बस शिव का ध्यान।।
रे मन!मत आराम कर, चल तू भोले-धाम।
सावन!पावन माह है, भजकर शिव -शिव नाम।।
हरियाली दे जगत को, बने तीज-त्योहार।
रे मन!उस शिव को सदा, भज तू बारम्बार।।
मानवता जीवित रहे, देकर इस पर ध्यान।
सुधा त्याग,विष पी गए, नीलकंठ भगवान।
चिताभस्म से हो रहा, जिनका नित श्रृंगार।
उनके आगे काल भी, नतमस्तक है यार।।
बिन शिव सारा जगत यह, लगता है वीरान।
महाकाल का भक्त हूँ, मात्र यही पहचान।।
देख जिन्हें हर्षित हुए, उपवन औ'श्मशान।
महाकाल कहता उन्हें, सारा जगत-जहान।।
सर्वाधिकार सुरक्षित
डॉ०प्रदीप चित्रांशी
888 मुट्ठीगंज, प्रयागराज, मो.- 9415666261
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