असफलता के बाद सफलता : हमारा कर्तव्य और धर्म

बार-बार जीवन में असफल होने के बाद हम सफल कैसे हो सकते हैं। किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए हमें क्या करना चाहिए

असफलता के बाद सफलता : हमारा कर्तव्य और धर्म
Success Life

बार-बार की असफलता : हमारा कर्त्तव्य और धर्म

मैं लेख शुरु करने से पहले बताना चाहूँगा कि किसी भी क्षेत्र में असफल होने के बाद जो आप लोग गलत कदम उठाते हैं, कोई भी धर्म अथवा कानून इसके लिए इजाजत नहीं देता। फिर आप लोग क्यों धर्म विरूद्ध कार्य करते हैं और वह भी जीवन के अंतिम क्षण में। जब भी कभी आपको एकान्त समय मिले इस सम्बन्ध में जरूर मंथन करें। और अपने मनुष्य जीवन का सही फैसला लेकर उचित क्षेत्र में कार्य करें। कोशिश व्यक्ति को कभी न कभी सफलता जरूर दिलाती है, इसलिए कोशिश कभी नहीं छोडनी चाहिए।

जब भी यूपी बोर्ड, सीबीएससी बोर्ड, आसीएससी बोर्ड या किस अन्य का रिजल्ट आता है तो पेपर में पढने को मिलता है कि किसी स्टूडेंट्स के नम्बर कम होने या असफल होने पर गलत कदम उठा लिया। आखिरकार क्या आपने कभी सोचा है कि बच्चे ऐसा कदम क्यों उठाते हैं? इसके लिए कहीं न कहीं से माता-पिता भी जिम्मेदार होते हैं। क्यों पैरेंट्स बच्चों पर इतना ज्यादा दबाव डाल देते हैं कि नम्बर अच्छा लाना, कम नम्बर से कहीं सेलेक्शन नहीं होगा, कहीं एडमिशन नहीं होगा, तो ऐसे में जब नम्बर ज्यादा लाना तो दूर बल्कि जब वे बच्चे फेल हो जाते हैं तो वे इतना ज्यादा तनाव में आ जाते हैं कि वे समझने लगते हैं कि मुझसे माता की इतनी अपेक्षा थी अब कैसे उनके सामने मुँह दिखायेंगे और इस तरह से सोच-सोच कर ऐसे बच्चे तनाव में आ जाते हैं और गलत कदम उठा लेते हैं। यहाँ पर बच्चों को तो सोचने की जरूरत है ही इसके साथ-साथ पैरेंट्स लोगों को भी गम्भीर विचार करना चाहिए कि कभी भी अपने बच्चों पर इतना ज्यादा प्रेशर न डालें कि वे अपना आत्मविश्वास ही खो बैठे और हमेशा तनाव में जिंदगी जीते रहें। बच्चों के असफल होने का एक प्रमुख कारण यह भी है कि पैरेंट्स लोगों का प्रेशर।

किसी भी क्षेत्र में सफलता अर्जित करने के लिए जरूरी नहीं है कि आप दिन-रात पढते ही रहें। यह कत्तई नहीं कहा जा सकता है कि 12-14 घण्टे पढने वाला विद्यार्थी ही जीवन में सफल होता है। किसी भी क्षेत्र में सफलता अर्जित करने के लिए यह आवश्यक होता है कि आप जिस भी भी क्षेत्र में पढाई या विजनेस करना चाहते हैं, उस क्षेत्र का पूरी तरह से जानकारी रखें। क्योंकि यदि आप जिस क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने की सोच रहे हैं, उस क्षेत्र की आपको जानकारी सही और पूरी नहीं होगी तो आपको उसके बारे में सोचने समझने के लिए हमेशा ही दूसरों पर निर्भर रहना पडता है। इसलिए सबसे पहले उसके बारे में पूरी जानकारी रखें, फिर उस क्षेत्र में जाने के लिए सोचें। यदि आपको अपने जीवन में सफलत होना है तो तीन-चार चीजों पर बस ध्यान देने की आवश्यकता होती है फिर तो सफलता निश्चय ही मिल ही जाती है। सबसे पहले आपके अन्दर आत्मविश्वास होना आवश्यक है। दूसरी चीज जो आवश्यक है वह है- लगन। और तीसरी महत्वपूर्ण चीज है- निरन्तरता। यदि आप पूरे आत्मविश्वास के साथ किसी कार्य को शुरु करते हैं तो उसे पूरी लगन के साथ कार्य को निरन्तर लम्बे समय तक करने की क्षमता रखें। फिर तो सफल होने से कोई आपको नहीं रोक सकता। 

अत: हम निश्कर्ष तौर पर कह सकते हैं कि जब भी आपको ऐसे मामलों में निराशा हो तो आप अपने आराध्य देव का स्मरण और ध्यान करें और एक बार फिर से नये जोश, नये उमंग, आत्मविश्वास और दृढ इच्छा लेकर अपने कमियों को दूर करते हुए तैयारी करें, निश्चय ही सफलता मिलकर रहेगी।

दोस्तों,  एक बात और आपको बता दूँ कि सफलता का मानक केवल सरकारी नौकरी ही नहीं होता, बल्कि सफलता का मतलब होता है कि अपने स्टडी के बाद कोई कार्य करने के काबिल हो गये हैं कि नहीं, जो आपकी योग्यतानुसार हो। यदि आप अपने योग्यतानुसार कार्य में निपुण हो गये हैं तो आप सफल माने जायेंगे, क्यों आप जहाँ भी जिस क्षेत्र में जायेंगे वहीं से सफलता की शुरूआत हो जाती है।

आजकल प्राइवेट जाब भी सरकारी जाब से ज्यादा अच्छा माना जाता है क्योंकि इसमें ज्यादा सम्भावनाएं होती हैं, आगे बढने की। बिजनेस भी यदि आप अपने कार्यक्षमता के अनुसार प्रारम्भ करते हैं तो उसमें भी आपको सफलता मिलेगी। यदि आपके अन्दर हुनर है तो नौकरी आपकी मुहताज नहीं है। तो  मित्रों निराश न हों, आप खुब मेहनत करो और ऊपर वाले पर भरोसा रखो, इस तरह निराशा और गलत कदम न उठायें। ओम शान्तिमय